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Quad विदेश मंत्रियों की बैठक, 2024 जापान

Quad

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, क्वाड समूह (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) के विदेश मंत्रियों की बैठक टोक्यो, जापान में आयोजित की गई।

QUAD क्या है?

QUAD, जिसका पूरा नाम “चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (Quadrilateral Security Dialogue)”  है, एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है जिसमें चार देश शामिल हैं:

  • भारत
  • संयुक्त राज्य अमेरिका
  • जापान
  • ऑस्ट्रेलिया

QUAD

  • क्वाड के विचार को सबसे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने वर्ष 2007 में प्रस्तावित किया था, लेकिन उस समय इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
  • वर्ष 2012 में, शिंजो आबे ने हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक “लोकतांत्रिक सुरक्षा हीरा” की स्थापना का प्रस्ताव रखा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल थे।
  • क्वाड समूह की औपचारिक स्थापना नवंबर 2017 में हुई, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी भी बाहरी शक्ति के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति तैयार करना था। आसियान शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले इस समूह की पहली बैठक आयोजित की गई थी।
  • QUAD नियमित शिखर सम्मेलन, मंत्री स्तरीय बैठकें, और कार्यकारी समूहों के माध्यम से सहयोग करता है।
  • QUAD ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई पहल शुरू की हैं, जैसे कि “QUAD वैक्सीन पार्टनरशिप” और “QUAD इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनरशिप”।

उद्देश्य:

QUAD का प्राथमिक उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, और नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देना है। यह सहयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिनमें शामिल हैं:

  • सुरक्षा सहयोग (security cooperation): समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, साइबर सुरक्षा, और आपदा प्रबंधन।
  • आर्थिक सहयोग (Economic cooperation): व्यापार, निवेश, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, और बुनियादी ढांचा विकास।
  • प्रौद्योगिकी सहयोग (Technology Collaboration): उभरती प्रौद्योगिकियों, 5G, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग।
  • स्वास्थ्य सहयोग (Health Collaboration): महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया, टीका वितरण, और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा।
  • जलवायु परिवर्तन (Climate change): स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु अनुकूलन, और आपदा प्रबंधन में सहयोग।

महत्व:

QUAD हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में। यह एक लोकतांत्रिक और नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है, और क्षेत्र में शांति, स्थिरता, और समृद्धि को बनाए रखने में मदद करता है।

आलोचना:

QUAD को चीन द्वारा एक “एशियाई NATO” के रूप में देखा जाता है, जिसका उद्देश्य चीन को घेरना और रोकना है। कुछ आलोचक यह भी तर्क देते हैं कि QUAD क्षेत्र में तनाव को बढ़ा सकता है और एक नए शीत युद्ध को जन्म दे सकता है।

क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक 2024, टोक्यो (जापान)

इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग शामिल हुए।

बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-

चीन को कड़ा संदेश (Strong message to China)​​:

  • क्वाड ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, चीन द्वारा किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया जो बल या दबाव के माध्यम से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है।
  • इसमें दक्षिण चीन सागर की स्थिति और तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के उपयोग पर चिंताएं शामिल हैं।
  • क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान देने में सभी देशों की भूमिका है, जबकि एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जिसमें कोई देश हावी न हो और कोई देश हावी न हो, प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित किया जाए और प्रत्येक देश अपने सभी रूपों में दबाव से मुक्त हो और अपने भविष्य को निर्धारित करने के लिए अपनी एजेंसी का प्रयोग कर सके।
  • दक्षिण चीन सागर में बढ़ते चीनी युद्धाभ्यासों, विशेष रूप से तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के “खतरनाक उपयोग” का भी उल्लेख किया।
  • विवादित क्षेत्रों के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक तथा डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की।
  • तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग, विभिन्न प्रकार के खतरनाक युद्धाभ्यासों के बढ़ते उपयोग और अन्य देशों की अपतटीय संसाधन दोहन गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों के बारे में चर्चा की गयी।

विस्तारित समुद्री डोमेन जागरूकता (Expanded Maritime Domain Awareness):

  • क्वाड ने अपने इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) कार्यक्रम को हिंद महासागर क्षेत्र में विस्तारित करने की योजना बनाई है, जिससे रणनीतिक जल की निगरानी की सुविधा होगी।
  • उनका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत के सूचना संलयन केंद्र के माध्यम से दक्षिण एशिया कार्यक्रम को क्रियान्वित करना भी है।

स्वतंत्र और खुली व्यवस्था (free and open system):

  • संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हुए स्वतंत्र और खुले नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर दिया।
  • दक्षिण और पूर्वी चीन सागर सहित वैश्विक समुद्री नियम-आधारित व्यवस्था की चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) में परिलक्षित होने वाले पालन के महत्व पर जोर दिया।

आतंकवाद से मुकाबला (Combatting terrorism):

  • क्वाड ने 26/11 मुंबई हमलों सहित आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की, और देशों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्रों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए होने से रोकें।
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया।
  • क्वाड ने सभी देशों से आग्रह किया कि वे अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी उद्देश्यों के लिए होने से रोकने के लिए तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करें।

वैश्विक मुद्दे (Global Issues):

  • क्वाड ने यूक्रेन में युद्ध और मानवीय संकट के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की।
  • गाजा और म्यांमार की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई का आह्वान किया।

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