Harpy Drone
संदर्भ:
पाकिस्तान द्वारा भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन हमले की कोशिश के जवाब में, भारत ने इज़रायल निर्मित ‘हार्पी‘ (HAROP) आत्मघाती ड्रोन का उपयोग करते हुए पाकिस्तानी वायु रक्षा ठिकानों पर सटीक हमला किया और लाहौर के निकट एक प्रमुख एयर बेस को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
हार्पी ड्रोन: एक परिचय–
- निर्माता:इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI)
- प्रकार:लॉइटरिंग म्युनिशन / आत्मघाती ड्रोन
- उद्देश्य:दुश्मन के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट करना
तकनीकी विशेषताएँ–
- गति: अधिकतम लगभग 185 किमी/घंटा
- उड़ान समय: 6 से 9 घंटे तक हवा में मंडराने की क्षमता
- मारक दूरी: 500 से 1000 किमी तक (संस्करण पर निर्भर)
- वारहेड क्षमता: 32 किलोग्राम विस्फोटक लेकर उड़ सकता है
- ऑपरेशन मोड: पूर्णतः स्वायत्त (ऑटोनॉमस) या ऑपरेटर-नियंत्रित
- नेविगेशन और लक्ष्य चयन: लक्ष्य के रडार सिग्नल का पता लगाकर स्वयं निर्णय लेता है या ऑपरेटर से आदेश प्राप्त करता है
प्रमुख क्षमताएँ–
- फायर एंड फॉरगेट: लक्ष्य पर हमला करने के बाद ड्रोन स्वयं नष्ट हो जाता है
- SEAD मिशन: Suppression of Enemy Air Defenses: दुश्मन की एयर डिफेंस प्रणाली को निष्क्रिय करने के लिए खासतौर पर बनाया गया
- रडार लॉक और सटीकता: दुश्मन के रडार सिग्नल पर लॉक कर स्वचालित हमला
भारत में उपयोग–
- खरीद वर्ष: भारत ने हार्पी ड्रोन 2000 में इज़राइल से खरीदे थे
- उन्नत संस्करण: भारत ने इसके बेहतर संस्करणHarop को भी अपनाया है
- सैन्य अभियानों में उपयोग: हालियाऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के लाहौर के पास वायु रक्षा ठिकानों पर हमला
- इस हमले मेंHQ-9 मिसाइल सिस्टम को निशाना बनाया गया