India’s 6G Patent Filing
संदर्भ:
भारत वैश्विक स्तर पर 6G पेटेंट फाइलिंग में शीर्ष छह देशों में शामिल है। देश में 6G तकनीक का स्वदेशी विकास न केवल सुरक्षित संचार प्रणाली सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह भारत को वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में मजबूत स्थिति दिलाने में भी मदद करेगा। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ को तकनीकी क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
(India’s 6G Patent Filing) भारत का 6G पेटेंट फाइलिंग में नेतृत्व:
प्रमुख पहल:
- अनुसंधान परियोजनाएं: 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 111+ वित्त पोषित परियोजनाएं।
- वैश्विक साझेदारियाँ: जापान, सिंगापुर और फिनलैंड के साथ नवाचार को तेज करने के लिए सहयोग।
तकनीकी प्रगति:
- टेहर्ट्ज़ संचार में नवाचार।
- AI-नेटिव नेटवर्क में महत्वपूर्ण सफलताएँ।
आर्थिक प्रभाव:
- 6G को अपनाने से:
- नए उद्योगों का सृजन और मौजूदा उद्योगों में क्रांति।
- 2035 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (85,37,000 करोड़ रुपये) का आर्थिक योगदान।
भारत 6G विजन:
उद्देश्य:
- वैश्विक डिजिटल कनेक्टिविटी में नेतृत्व: 2030 तक 6G अवसंरचना का विकास और तैनाती।
- नीति संरेखण:
- स्वदेशी नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर जोर।
- 6G तकनीक को सुलभ, मापनीय और किफायती बनाना, डिजिटल बहिष्करण को रोकना।
- राष्ट्रीय विकास को गति देना।
6G विकास का चरणबद्ध दृष्टिकोण:
- अनुसंधान और विकास (2023-2025):
- मूलभूत तकनीकों का विकास।
- पायलट कार्यक्रमों का संचालन।
- नए नेटवर्क आर्किटेक्चर में नवाचार।
- अवसंरचना विस्तार (2025-2030):
- बड़े पैमाने पर तैनाती को समर्थन।
- भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में उन्नत दूरसंचार समाधान का निर्बाध एकीकरण।
6G: छठी पीढ़ी की वायरलेस मोबाइल संचार तकनीक–
परिचय:
- 6G का मतलब है छठी पीढ़ी की वायरलेस मोबाइल संचार तकनीक।
- इसके 2030 तक शुरू होने की संभावना है।
प्रमुख विशेषताएँ:
5G से अधिक उन्नत:
- गति: अत्यधिक तेज़।
- विलंबता (Latency): न्यूनतम।
- बुद्धिमत्ता: AI-नेटिव नेटवर्क के साथ।
- एप्लिकेशन: स्मार्ट सिटी, होलोग्राफिक कम्युनिकेशन, उन्नत IoT।