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आंत माइक्रोबायोटा (Gut Microbiota)

Gut Microbiota

संदर्भ:

हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली खाद्य असुरक्षा मानव आंत की सूक्ष्मजीव प्रणाली (गट माइक्रोबायोटा) को प्रभावित कर सकती है, जिससे स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन और आहार स्वास्थ्य: एक गंभीर चुनौती

खाद्य उपज और गुणवत्ता पर प्रभाव

  • बढ़ता CO₂ स्तर: मुख्य फसलों जैसे गेहूं, मक्का और चावल में आयरन, जिंक, प्रोटीन और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों में कमी।

खाद्य असुरक्षा और खराब आहार

  • निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMICs) में स्थिति:
    • पहले से ही सीमित आहार विविधता वाले क्षेत्रों में खाद्य संकट बढ़ने से कुपोषण की समस्या गंभीर।
    • आहार विविधता की कमी से आंतों के माइक्रोब्स की विविधता में कमी, जिससे संक्रमण और दीर्घकालिक बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।

हीटवेव और आंत संबंधी संक्रमण

  • उच्च तापमान का प्रभाव:
    • भोजन और पानी से होने वाली बीमारियों में वृद्धि।
    • इन बीमारियों से तत्काल पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
    • दीर्घकालिक रूप से आंत के माइक्रोबियल संरचना में परिवर्तन।

जोखिम:

आदिवासी समुदाय:

  • स्थानीय खाद्य प्रणाली पर निर्भरता:
    • विविध आंत माइक्रोबायोटा वाले समुदाय अधिक जोखिम में।
    • प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भरता के कारण जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक संवेदनशील।

LMICs के शहरी गरीब:

  • मुख्य चुनौतियां:
    • उच्च प्रदूषण, खराब स्वच्छता और निम्न गुणवत्ता वाला आहार।
    • इन कारकों के संयोजन से आंत विकृति (Gut Dysbiosis) का बढ़ता जोखिम।

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