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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए Axiom-4 मिशन (2024 में लॉन्च) हेतु चुने गए दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने प्रशिक्षण का प्रारंभिक चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
- प्राइम–ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और
- बैकअप–ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर– ये दोनों अंतरिक्ष यात्री भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
एक्सिओम–4 मिशन के बारे में (About Axiom-4 Mission):
- एक्सिओम मिशन 4 (AX-4) एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है जिसे एक्सिओम स्पेस द्वारा आयोजित किया गया है।
- इस मिशन का उद्देश्य 14-दिन के लिए एक क्रू को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजना है।
- यह एक्सिओम स्पेस का चौथा मिशन है; इसके पूर्व मिशन (AX-1, AX-2 और AX-3) भी इसी प्रकार के थे।
- इस मिशन को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करके फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
- इस मिशन के लिए अंतरिक्ष यान स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन होगा, जो अपनी उन्नत तकनीक और सुरक्षा सुविधाओं के लिए जाना जाता है।
- यह मिशन नासा के सहयोग से आयोजित किया गया है, जो निजी अंतरिक्ष कंपनियों और सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच मजबूत साझेदारी को दर्शाता है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुसंधान को आगे बढ़ाया जा सके।
मिशन उद्देश्य (Mission Objectives):
वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रयास (Commercial Space Efforts): Axiom-4 का उद्देश्य अंतरिक्ष में वाणिज्यिक गतिविधियों ( commercial activities)को बढ़ावा देना है, जिसमें वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी विकास और अंतरिक्ष पर्यटन शामिल हैं।
- यह मिशन यह दिखाने में मदद करेगा कि वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन व्यवसाय (commercial space stations) और नवाचार (innovation) के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में कैसे कार्य कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (International Collaboration): Axiom-4 मिशन विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की विविध टीम को लेकर जाएगा, जो अंतरिक्ष अन्वेषण (space exploration) में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय रुचि को दर्शाता है।
- यह मिशन देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करेगा और वैश्विक अंतरिक्ष पहलों में योगदान देगा।
अनुसंधान और विकास (Research and Development): मिशन अंतरिक्ष की अनोखी सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) स्थिति में विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों का समर्थन करेगा।
भारत का गगनयान मिशन (India’s Gaganyaan Mission) :
गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) भारत का एक महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजना (Earth orbit) और सुरक्षित रूप से वापस लाना है।
भारत के गगनयात्री और गगनयान मिशन (India’s Gaganyaan and Gaganyaan missions):
- गगनयान मिशन (Gaganyaan mission) की परिकल्पना इसरो (ISRO) ने 2007 में की थी, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और सुरक्षित वापस लाना है। यह परियोजना 2018 में 10,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू की गई थी।
- इस मिशन के लिए चार भारतीय वायु सेना पायलटों (Four Indian Air Force pilots) का चयन किया गया है, जिन्हें रूस (Russia) में प्रशिक्षण दिया गया। इसरो ने बेंगलुरू (Bengaluru) में एक अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा भी स्थापित की है।
चयनित गगनयात्री (Selected Gaganyaan):
- ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla)
- प्रशांत बालकृष्णन नायर (Prashant Balakrishnan Nair)
- अजीत कृष्णन (Ajit Krishnan)
- अंगद प्रताप (Angad Pratap)
गगनयान मिशन का महत्व (Importance of Gaganyaan Mission):
- वैज्ञानिक और तकनीकी
- अंतरिक्ष अनुसंधान में योगदान
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति
- आर्थिक लाभ