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पीटलैंड्स क्या हैं?

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संदर्भ:

एक हालिया अध्ययन ने पीटलैंड्स (दलदली भूमि) के अपर्याप्त संरक्षण को लेकर चेतावनी दी है। यदि इनका विनाश जारी रहा, तो यह जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

  • सीमित संरक्षण:
    • केवल 17% पीटलैंड (Peatlands) संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं।
    • इनमें से 50% से अधिक पीटलैंड सख्त संरक्षण (Strict Protection) में हैं।
  • विभिन्न जैव क्षेत्रों में संरक्षण स्तर:
    • बोरियल (Boreal) पीटलैंड – 16% संरक्षित
    • समशीतोष्ण (Temperate) पीटलैंड – 27% संरक्षित
    • उष्णकटिबंधीय (Tropical) पीटलैंड – 27% संरक्षित, लेकिन केवल 8% सख्त संरक्षण में
  • क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर असमानता: चीन और भारत में पीटलैंड संरक्षण का स्तर अधिक है।
  • अन्य पारिस्थितिक तंत्रों की तुलना में कम संरक्षण:
    • मैंग्रोव – 42% संरक्षित
    • साल्ट मार्श (Salt Marshes) – 50% संरक्षित
    • उष्णकटिबंधीय वन (Tropical Forest) – 38% संरक्षित

पीटलैंड्स (Peatlands) क्या हैं?

  • पीटलैंड्स विशिष्ट वेटलैंड (Wetland) पारिस्थितिक तंत्र हैं, जो आंशिक रूप से सड़ी हुई जैविक सामग्री (Organic Matter) से बने होते हैं।
  • ये हजारों वर्षों में धीरे-धीरे बनते हैं और कार्बन संग्रहण (Carbon Storage) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ठंडे और गर्म जलवायु में अंतर:

  • ठंडी जलवायु (Cool Climates): पीटलैंड्स मुख्य रूप से स्फैग्नम मॉस (Sphagnum Mosses), सेज (Sedges) और झाड़ियों (Shrubs) से बने होते हैं।
  • गर्म जलवायु (Warm Climates): यहां घास (Graminoids) और लकड़ी वाले पौधे (Woody Vegetation) जैविक सामग्री प्रदान करते हैं।

पीटलैंड्स का महत्व:

  • सबसे बड़ा भूमि-आधारित कार्बन भंडार: पृथ्वी की कुल भूमि का केवल 3% भाग घेरने के बावजूद, पीटलैंड्स सबसे बड़े कार्बन स्टोर हैं।
  • प्राकृतिक बफ़र (Natural Buffer): यह प्राकृतिक जल फ़िल्टर और पर्यावरणीय आपदाओं के बफ़र के रूप में कार्य करते हैं।
  • जैव विविधता संरक्षण और आजीविका
    • पीटलैंड्स कई प्रकार की मीठे पानी की मछलियों और संकटग्रस्त प्रजातियों का घर हैं।
    • यह स्थानीय समुदायों को भोजन और ईंधन भी प्रदान करते हैं।

पीटलैंड्स के सामने चुनौतियाँ:

  1. जल निकासी और भूमि रूपांतरण (Drainage and Land Conversion): क्षतिग्रस्त पीटलैंड्स सेवैश्विक मानव-जनित CO2 उत्सर्जन का 5% निकलता है।
  2. अति-चराई (Overgrazing): विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक चराई से पीटलैंड्स का क्षरणहोता है।
  3. पीट निष्कर्षण (Peat Extraction): ईंधन और बागवानी के लिए पीट निकालने सेआवासीय पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट होते हैं।

पीटलैंड्स संरक्षण हेतु पहल:

  1. वैश्विक पीटलैंड पहल (Global Peatland Initiative): UN Environment Programme द्वारा पीटलैंड संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई।
  2. रामसर कन्वेंशन, 1971: अंतरराष्ट्रीय संधि जो वेटलैंड्स (जिसमें पीटलैंड्स शामिल हैं) के संरक्षण पर केंद्रित है।
  3. वेटलैंड पुनर्जीवन कार्यक्रम (Wetlands Rejuvenation Programme): 2020 में MoEFCC द्वारा शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य भारत में 500+ वेटलैंड्स को पुनर्जीवित करना है।
  4. अमृत धरोहर योजना (Amrit Dharohar Scheme): केंद्रीय बजट 2023-24 में शुरू की गई, जिसका लक्ष्य भारत में वेटलैंड्स के सतत उपयोग को बढ़ावा देना है।

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