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दिल्ली-NCR में भूकंप

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संदर्भ:

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का एक उथला भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था। इस हल्के झटके ने क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है।

भूकंप क्या है?

  • भूकंप पृथ्वी के हिलने या कांपने की एक प्राकृतिक घटना है।
  • यह तब होता है जब संचित ऊर्जा मुक्त होती है, जिससे तरंगें (waves) उत्पन्न होती हैं, जो सभी दिशाओं में फैलती हैं।

भूकंप से जुड़े प्रमुख बिंदु:

  1. हाइपोसेंटर (Hypocentre) या फोकस (Focus): वह स्थान जहाँ भूकंप उत्पन्न होता है।
  2. एपिसेंटर (Epicentre):
    • फोकस के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु।
    • यह सबसे पहले भूकंप की तरंगों को अनुभव करता है।
    • मीडिया और रिपोर्टों में आमतौर पर एपिसेंटर को भूकंप का स्थान दिखाया जाता है।

भूकंप क्यों आते हैं?

  1. टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से: जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एकदूसरे से टकराती, दूर जाती या फिसलती हैं, तो संचित ऊर्जा के मुक्त होने से भूकंप आता है।
  2. मैग्मा (Magma) के निकलने या संकुचित होने से।
  3. रासायनिक या परमाणु विस्फोटों से।

भूकंप के कारण:

  1. टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल:
    • पृथ्वी की ऊपरी परत(crust) टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है, जो बहुत धीरे-धीरे हिलती हैं।
    • जब घर्षण (friction) के कारण ये प्लेटें किनारों पर फंस जाती हैं, तो तनाव (stress) बढ़ता है।
    • जब यह तनाव घर्षण को पार कर जाता है, तो प्लेटें फिसलती हैं, जिससे भूकंप की ऊर्जा मुक्त होती है।
  2. ज्वालामुखीय गतिविधि (Volcanic Activity):
    • पृथ्वी के नीचे मैग्मा की गति दबाव में बदलाव लाती है, जिससे चट्टानों में दरारें पड़ती हैं।
    • जब ज्वालामुखीय द्वार अचानक खुलते हैं, तो ज्वालामुखीय भूकंप आ सकते हैं।
  3. मानव गतिविधियाँ (Human Activities):
    • सुरंग (Tunnel) निर्माण।
    • बांधों और जलाशयों को भरना।
    • भूतापीय ऊर्जा उत्पादन।
    • तेल और प्राकृतिक गैस के लिए फ्रैकिंग
    • अपशिष्ट जल निपटान

उथले भूकंप (Shallow Earthquake):

  • उथले भूकंप0 से 70 किमी की गहराई पर उत्पन्न होते हैं।
  • मध्यम गहराईवाले भूकंप 70 से 300 किमी पर और
  • गहरे भूकंप300 से 700 किमी की गहराई पर होते हैं।

विनाशकारी प्रभाव:

  • उथले भूकंप अधिक विनाशकारी होते हैंक्योंकि इनकी तरंगें सतह तक पहुंचने से पहले कम ऊर्जा नहीं खोतीं।
  • उदाहरण:नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में आए 6 तीव्रता के भूकंप ने 160 से अधिक लोगों की जान ले ली।

भूकंपीय तरंगें (Earthquake Waves):

शरीरिक तरंगें (Body Waves):

  • ये फोकस (Focus) से उत्पन्न होती हैं और धरती के अंदर सभी दिशाओं में फैलती हैं।
  • प्रकार:
    • P-तरंगें (Primary Waves):सबसे तेज़ होती हैं और ठोस, द्रव व गैस से होकर गुजर सकती हैं।
    • S-तरंगें (Secondary Waves):धीमी होती हैं और केवल ठोस माध्यम में यात्रा कर सकती हैं।

सतही तरंगें (Surface Waves):

  • जब शरीर तरंगें सतह की चट्टानों से टकराती हैं, तोनई तरंगें उत्पन्न होती हैं, जिन्हें सतही तरंगें कहते हैं।
  • L-तरंगें (Love Waves): ये पृथ्वी की सतह के साथ चलती हैं और सबसे अधिक विनाशकारी होती हैं।

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