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संदर्भ:
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप ने आइंस्टीन रिंग की एक दुर्लभ संरचना की खोज की है, जो आकाशगंगा NGC 6505 के चारों ओर बनी हुई है। यह आकाशगंगा पृथ्वी से लगभग 590 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
आइंस्टीन रिंग:
- क्या है आइंस्टीन रिंग?
- आइंस्टीन रिंग एक प्रकाशीय वृत्त (Ring of Light) है, जो किसी गैलेक्सी, डार्क मैटर या खगोलीय पिंड के चारों ओर दिखाई देता है।
- यह तब बनता है जब पर्यवेक्षक (जैसे Euclid टेलीस्कोप), गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग करने वाला पिंड और पृष्ठभूमि की गैलेक्सी लगभग एक सीध में होते हैं।
- गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग: इसका वैज्ञानिक आधार:
- जब कोई विशाल खगोलीय पिंड, जैसे कोई गैलेक्सी, अपने गुरुत्वाकर्षण बल से पीछे स्थित वस्तु के प्रकाश को मोड़ता और बढ़ाता है, तो आइंस्टीन रिंग का निर्माण होता है।
- प्रकाश को मोड़ने वाले पिंड को गुरुत्वाकर्षण लेंस कहा जाता है।
- यह सिद्धांत आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत (General Theory of Relativity) पर आधारित है, जिसके अनुसार भारी वस्तुएं स्पेस–टाइम को विकृत कर सकती हैं।
- खोज और दुर्लभता:
- आइंस्टीन रिंग पहली बार 1987 में खोजी गई थी।
- यह अत्यंत दुर्लभ खगोलीय घटनाओं में से एक है और 1% से भी कम गैलेक्सियों में पाई जाती है।
- NGC 6505 गैलेक्सी के चारों ओर बनी आइंस्टीन रिंग, वास्तव में 4.42 अरब प्रकाश–वर्ष दूर स्थित एक अनाम गैलेक्सी के प्रकाश के विकृत होने से बनी है।
- पर्यवेक्षण: नंगी आंखों से नहीं दिखता, केवलEuclid जैसे शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीनों से देखा जा सकता है।
- वैज्ञानिक महत्व:
- यह ब्रह्मांडीय अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह प्राकृतिक आवर्धक लेंस की तरह काम करके दूर स्थित गैलेक्सियों के विवरण प्रकट करता है।
- यह डार्क मैटर और डार्क एनर्जी (जो ब्रह्मांड के विस्तार के लिए जिम्मेदार है) के अध्ययन में सहायक हैं।
यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप के बारे में:
- प्रक्षेपण:
- 2023 में केप कैनावेरल (फ्लोरिडा) से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया।
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा संचालित।
- स्थिति: पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर लैग्रेंजियन पॉइंट-2 (L2) पर स्थित।
- कार्यकाल: अगले 6 वर्षों तक 10 अरब प्रकाश–वर्ष की दूरी तक आकाशगंगाओं के आकार, दूरी और गति का अवलोकन करेगा।
- उद्देश्य:
- ब्रह्मांड का सबसे बड़ा 3D मानचित्र तैयार करना।
- डार्क मैटर के वितरण को समझना।
- प्रारंभिक ब्रह्मांड में डार्क एनर्जी के प्रभाव का अध्ययन करना।