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संदर्भ:
उच्च शिक्षा गुणवत्ता रिपोर्ट: नीति आयोग ने ‘Expanding Quality Higher Education through States and State Public Universities’ शीर्षक से एक नीतिगत रिपोर्ट जारी की है।
- रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। यह SPUs में गुणवत्ता संकेतकों, फंडिंग, गवर्नेंस और रोज़गार योग्यता का मात्रात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
- इन विश्वविद्यालयों को केवल प्रवेश प्रदान करने से आगे बढ़ाकर विश्व स्तरीय शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। यह बदलाव भारत के भविष्य के लिए एक कुशल कार्यबल विकसित करने के लिए आवश्यक है।
उच्च शिक्षा गुणवत्ता रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- सबसे अधिक फंडिंग: उच्च शिक्षा फंडिंग में महाराष्ट्र शीर्ष पर है, इसके बाद बिहार और तमिलनाडु का स्थान है।
- सबसे कम फंडिंग: सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में उच्च शिक्षा के लिए सबसे कम बजट है।
- विश्वविद्यालय घनत्व: राष्ट्रीय औसत विश्वविद्यालय घनत्व 0.8 है।
- सिक्किम का विश्वविद्यालय घनत्व 10.3 (सबसे अधिक) है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और उत्तराखंड का स्थान है।
- बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में विश्वविद्यालय घनत्व राष्ट्रीय औसत से कम है।
- महिला नामांकन: केरल, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का नामांकन दर अधिक है।
उच्च शिक्षा गुणवत्ता रिपोर्ट की कार्यान्वयन रणनीतियाँ:
- रिपोर्ट में स्वल्पकालिक (Short-term), मध्यमकालिक (Medium-term), और दीर्घकालिक (Long-term) रणनीतियाँ प्रस्तुत की गई हैं ताकि इसकी सिफारिशों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
- प्रत्येक सिफारिश के लिए जिम्मेदार संस्थानों की पहचान की गई है और 125 से अधिक प्रदर्शन संकेतकों (Performance Indicators) को सफलता मापने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
- रिपोर्ट का मुख्य जोर शोध की गुणवत्ता, शिक्षण पद्धति और उद्योग-अकादमिक सहयोग को सुधारने पर है।
वित्तीय स्थिति:
- रिपोर्ट में उच्च शिक्षा पर कुल व्यय को GDP का केवल 0.62% बताया गया है।
- बुनियादी ढांचे के विकास और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इस आवंटन को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
उच्च शिक्षा गुणवत्ता रिपोर्ट में मुख्य सिफारिशें:
रिपोर्ट में SPUs से संबंधित चार प्रमुख क्षेत्रों (शिक्षा की गुणवत्ता, फंडिंग और वित्त, गवर्नेंस, और छात्रों की रोज़गार योग्यता) की चुनौतियों को दूर करने के लिए लगभग 80 नीति सिफारिशें प्रस्तुत की गई हैं।
- शिक्षा पर केंद्र और राज्यों का संयुक्त निवेश GDP के 6% तक बढ़ाया जाए, जैसा कि NEP 2020 में अनुशंसित है।
- R&D (अनुसंधान और विकास) में सार्वजनिक और निजी निवेश को GDP के 2% तक बढ़ाया जाए, जैसा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में सिफारिश की गई थी।
- SPUs के क्लस्टर (समूह) 2-3 स्थानीय समस्याओं की पहचान करें और इन चुनौतियों के समाधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence) स्थापित करें।
- राज्य सरकारें एक वित्त एजेंसी स्थापित करने पर विचार करें, जो Higher Education Financing Agency (HEFA) की तर्ज पर विशेष रूप से SPUs के लिए कार्य करे।
- HEFA (हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी) केंद्र और केनरा बैंक की संयुक्त उद्यम है, जिसे 2017 में स्थापित किया गया था।
- यह नई एजेंसी बुनियादी ढांचे और शोध सुविधाओं को मजबूत करने पर केंद्रित होनी चाहिए।