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संदर्भ:
US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID): हाल ही में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी सहायता पर 90 दिनों की रोक लगा दी ताकि इसकी अमेरिकी विदेश नीति के साथ संगति का आकलन किया जा सके। इस फैसले से US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की वित्तीय सहायता वितरण प्रक्रिया रुक गई, और इसके 10,000 कर्मचारियों में से अधिकांश को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया, केवल कुछ आवश्यक कर्मचारियों को छोड़कर।
US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID):
- स्थापना:
- USAID की स्थापना 1961 में “कांग्रेस अधिनियम” के तहत की गई थी।
- यह एक स्वतंत्र एजेंसी है जो नागरिक विदेशी सहायता और विकास कार्यक्रमों का संचालन करती है।
- मिशन: लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना, वैश्विक शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाना, और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के साथ तालमेल बैठाना।
- प्रमुख कार्यक्षेत्र:
- आर्थिक विकास
- स्वास्थ्य और शिक्षा
- खाद्य सुरक्षा और मानवीय सहायता
- जलवायु परिवर्तन और सुशासन (गवर्नेंस)
- समर्थन और बजट:
- 2024 में USAID को 44.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन किया गया, जो कुल अमेरिकी संघीय बजट का मात्र 0.4% है।
- हालांकि, यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा ट्रैक की गई कुल मानवीय सहायता का 42% योगदान देता है।
- USAID स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सहायता, आपदा राहत, और नीतिगत वकालत के लिए वित्त पोषण करता है।
- वैश्विक पहुंच:
- USAID 100 से अधिक देशों में सक्रिय रूप से कार्य करता है।
- इसके प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल हैं:
- PEPFAR – HIV/AIDS राहत कार्यक्रम
- Feed the Future – खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम
- Power Africa – ऊर्जा पहुंच बढ़ाने की पहल
- शीर्ष सहायता प्राप्तकर्ता देश: यूक्रेन, इथियोपिया, जॉर्डन, सोमालिया और अफगानिस्तान USAID की सहायता के प्रमुख प्राप्तकर्ता हैं।
वैश्विक प्रभाव:
- मानवीय संकट: USAID की फंडिंग में कटौती से महत्वपूर्ण कार्यक्रम बाधित हो सकते हैं, जिससे HIV/AIDS उपचार, खाद्य सुरक्षा और आपदा राहत के लिए निर्भर लाखों लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
- प्रभावित देश:
- यूक्रेन, इथियोपिया, सोमालिया और यमन जैसे शीर्ष सहायता प्राप्तकर्ता देशों में विकास और मानवीय परियोजनाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र की चिंताएँ: संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यदि HIV/AIDS फंडिंग रोकी गई, तो अगले चार वर्षों में 60 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो सकती है।
USAID और भारत
- भारत और USAID का संबंध 1951 में “इंडिया इमरजेंसी फूड एड एक्ट” से शुरू हुआ और दशकों में यह खाद्य सहायता से लेकर बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और आर्थिक सुधारों तक विकसित हुआ।
- USAID ने शिक्षा, टीकाकरण, पोलियो उन्मूलन और HIV/TB रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- पिछले एक दशक में, भारत को USAID से लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं, जो इसकी कुल वैश्विक फंडिंग का 0.2% से 0.4% तक है।
- वर्तमान स्थिति: USAID ने भारत में अपने संचालन निलंबित कर दिए हैं, लेकिन भारत की आत्मनिर्भरता और वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोतों के कारण इसका प्रभाव सीमित हो सकता है।